NCERT
CBSE CLASS 7 SANSKRIT
मङ्गलम्
यधा द्यौश्च पृथिवी च न बिभीतो न रिष्यतः
एवा मे प्राण मा बिभेः ।।1।।
यथाहश्च रात्री च न बिभीतो न रिष्यत:
एवा मे प्राण मा बिभेः ।। 2 ।।
यथा सूर्यश्च चन्द्रश्च न बिभीतो न रिष्यतः
एवा मे प्राण मा बिभेः ।। 3 ।।
यथा सत्यं चानृतं च न बिभीतो न रिष्यतः
एवा मे प्राण मा बिभेः॥4॥
भावार्थ
जैसे आकाश और पृथ्वी दोनों न डरते हैं और न दुःख देते हैं,
वैसे ही मेरे प्राण! तू मत डर! ।।1।।
जैसे दिन और रात न दुःख देते हैं और न डरते हैं,
वैसे ही मेरे प्राण! तू मत डर! ।।2।।
जैसे सूर्य और चन्द्र न दुःख | देते हैं और न डरते हैं,
वैसे ही मेरे प्राण! तू मत डर! ॥3॥
जैसे सत्य और असत्य न दुःख देते हैं और न डरते हैं,
वैसे ही मेरे प्राण! तू मत डर! ||4||
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